Breaking News: भ्रूण हत्या की बुराई को मिटाने के लिए अब आंगनबाड़ी वर्करों ने संभाला मोर्चा

Breaking News: भ्रण हत्या प्रतिबंध के बावजूद तेजी से बढता जा रहा है। अब भ्रूण हत्या की बुराई को रोकने का जिम्मा आंगनवाडी कार्यकताओं को सोंपा गया है। क्योंकि डोर टू डोर जाने वाले ये कार्यक्रर्ता की हर घर में हाने वाली संतान से वाकिफ होती है।Breaking News
डीसी अभिषेक मीणा ने कहा है कि रेवाड़ी जिला में भ्रूण हत्या को रोकने के लिए आंगनबाड़ी वर्करों को हर एक गर्भवती महिला का रजिस्ट्रेशन करना चाहिए। कोई प्रसूता स्त्री बच्चे को जन्म देती है तो उसकी भी जांच करें कि उसका रजिस्ट्रेशन हुआ था या नहीं।Breaking News
पंजीकरण करवाना जरूरी: डीसी अभिषेक मीणा ने रेवाड़ी सभागार में महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से संचालित की जा रही विभिन्न योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस समय दो बिंदुओं की ओर आंगनबाड़ी वर्करों को विशेष ध्यान देना होगा कि एक तो आपके कार्यक्षेत्र में कोई भी महिला गर्भवती है तो उसका आंगनबाड़ी सेंटर में पंजीकरण अवश्य हो जाए।
दूसरा आंगनबाड़ी में दो-चार ऐसे बच्चे आते हैं, जिनकी सेहत दूसरे बच्चों के मुकाबले कमजोर होती है, इन बच्चों के नाम व पूरा रिकॉर्ड अपने पास रखें। जिससे कि भविष्य में भी उनकी सेहत की जांच नियमित रूप से होती रहे। उन्होंने कहा कि हेल्थ चेक अप प्रत्येक गर्भवती महिला तथा 6 साल से कम आयु के बच्चों का होना चाहिए। डीसी ने कहा कि आंगनबाड़ी सेंटर में गर्भवती महिलाओं और बच्चों को पौष्टिक आहार नियमित रूप से मिलना चाहिए।
बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग की कार्यक्रम अधिकारी शालू यादव ने बताया कि जिला में इस समय 1099 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित किए जा रहे हैं। जिनमें तीन से 6 साल तक की आयु के 8 हजार 446 बच्चे आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि 6 माह से तीन साल तक की आयु के 13 हजार बच्चों को पौष्टिक आहार दिया जा रहा है।
उन्होंने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, प्रधानमंत्री मातृत्व वंदन योजना, हरिहर स्कीम, किचन गार्डन आदि योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी। बैठक में वन स्टॉप सेंटर, जिला बाल संरक्षण अधिकारी कार्यालय, जिला बाल कल्याण समिति, जुनाईल बोर्ड से संबंधित रिपोर्ट भी प्रस्तुत की गई।
इस अवसर पर एडीसी राहुल मोदी, नगराधीश प्रीति रावत, सीडीपीओ राधा यादव सहित अनेक आंगनबाड़ी सुपरवाइजर, बाल विकास अधिकारी मौजूद रहीं।